भारत में एक बात कही जाती है अतिथि देवो भव, मतलब अतिथि भगवान है!
मगर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले रुड़की शहर में जो घटना घटी, उससे तो यही लगता है कि अब यह सारी बातें सिर्फ किताबों में ही अच्छी लगती है। मामला 2 दिनों पहले का है जहां रुड़की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 2 छात्रों इब्राहिम और बेंजामिन, जोकि अफ्रीका के नाइजीरिया के रहने वाले थे उन्हें कालेज प्रशासन के द्वारा गार्डों और बाहरी गुंडों की मदद से बेरहमी के साथ मारा गया। घटना तब घटी जब दोनों कैंपस से बाहर खाना खाने को जाना चाहते थे मगर उनके पास बाहर जाने का अनुमति पत्र नहीं था।
कॉलेज प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा कि दोनों छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया था मगर वह अभी अपने दोस्त के कमरे में जमे हुए थे। इसी बात को लेकर जब प्रशासन सिक्योरिटी गार्ड के साथ उसे कमरे से निकलवाने पहुंचे तो छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। बात धीरे-धीरे बिगड़ती चली गई जिसके बाद कॉलेज प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ा।
मगर वही के एक लोकल लड़के ने न्यूज़ एजेंसी ए एन आई को बताया ,कि वे छात्र कुछ दिनों से पैसे की कमी से जूझ रहे थे। कोरोना महामारी का बुरा असर उन पर भी पड़ा था और वह अब खाने खाने तक को मोहताज हो गए थे। वह अपना खाना कॉलेज के ही कैंटीन से लिया करते थे मगर कैंटीन के मैनेजर ने पैसे ना देने के कारण अब उन्हें खाना देना बंद कर दिया था। वह लोग अपने दोस्त के घर पर जाना चाह रहे थे मगर उन्हें बाहर जाने के लिए परमिशन नहीं दिया जा रहा था। फिर भी वह चले गए, मगर जब वह वापस लौट कर आए तब उनकी गार्ड्स के साथ लड़ाई हो गई, और बाद में कॉलेज प्रशासन ने गुंडों को भी बुला लिया जिससे उन्हें पीटा जा सके। उसने यह भी कहा कि उन्हें बेरहमी से पीटा जा रहा था और लोग खड़े होकर वीडियो बनाते रहे जो की बहुत ही शर्मनाक बात है!
इब्राहिम के दोस्त एरिक ने दी क्विंट को बताया कि इब्राहिम अपने लिए कुछ खाने का सामान और अपना लैपटॉप और मोबाइल फोन बनवाने के लिए बाहर जाना चाहता था मगर उसे मार्च के महीने से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए बेंजामिन ने बताया कि वे लोग इब्राहिम को सेकंड फ्लोर से घसीटते हुए ग्राउंड फ्लोर तक लेकर आए और मुझे भी बांस के लाठियों से मारा गया।
पुलिस ने अब तक कालेज प्रशासन और सिक्योरिटी गार्ड समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और अपने बयान में कहा कि कॉलेज प्रशासन ने 18 लोगों को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी हाक कमांडो से भाड़े पर लाया था जिससे उन्हें जबरदस्ती कॉलेज से निकलवा सके। इसी बात को लेकर विवाद हुआ तब यह सारी घटना घटी।
इस घटना के बाद इधर कॉलेज प्रशासन और सिक्योरिटी गार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर वहां के लोकल लोग एनएसयूआई और भीम आर्मी के एक्टिविस्ट ने कालेज गेट के सामने धरना दे दिया है।
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इन तमाम चीजों के हो जाने के बाद जरा सोचिए क्या यह सही है कि विदेशी छात्रों को बाहर से गार्डों को बुलाकर लोहे के पंच और लाठी-डंडों से मारा जाए!? यह भारत में पहली बार ऐसा नहीं हुआ है इससे पहले भी साल 2017 में चार नाइजीरियन छात्रों को ग्रेटर नोएडा में मारा गया था जिसमें 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी इसी के ठीक 2 सप्ताह के बाद मेट्रो में भी सीट के विवाद को लेकर नाइजीरियन लेडी को मारा गया था।
अब जरा सोचिए कि खुद हमारे भारतीय भाई-बहन लाखों की तादाद में भारत से बाहर पढ़ाई करते हैं अगर उनके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो आपको कैसा लगेगा खुद आपके ही घर के कई सदस्य बाहर रहते होंगे और आपको पता होगा कि बाहर रहने पर कितनी कठिनाइयां झेलनी पड़ती है। अब ऐसे कठिनाई भरे माहौल में उनकी मदद करने के बजाय उन्हें और मारना कहीं से भी हमें शोभा नहीं देती है। आइए आप और हम मिलकर यह अहद लेते हैं की विदेशी छात्र छात्राओं की जितनी हो सके हम अपनी तरफ से मदद करेंगे आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं अगले वीडियो में!
https://youtu.be/Dk8LZP77mB4
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मगर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले रुड़की शहर में जो घटना घटी, उससे तो यही लगता है कि अब यह सारी बातें सिर्फ किताबों में ही अच्छी लगती है। मामला 2 दिनों पहले का है जहां रुड़की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 2 छात्रों इब्राहिम और बेंजामिन, जोकि अफ्रीका के नाइजीरिया के रहने वाले थे उन्हें कालेज प्रशासन के द्वारा गार्डों और बाहरी गुंडों की मदद से बेरहमी के साथ मारा गया। घटना तब घटी जब दोनों कैंपस से बाहर खाना खाने को जाना चाहते थे मगर उनके पास बाहर जाने का अनुमति पत्र नहीं था।
कॉलेज प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा कि दोनों छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया था मगर वह अभी अपने दोस्त के कमरे में जमे हुए थे। इसी बात को लेकर जब प्रशासन सिक्योरिटी गार्ड के साथ उसे कमरे से निकलवाने पहुंचे तो छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। बात धीरे-धीरे बिगड़ती चली गई जिसके बाद कॉलेज प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ा।
मगर वही के एक लोकल लड़के ने न्यूज़ एजेंसी ए एन आई को बताया ,कि वे छात्र कुछ दिनों से पैसे की कमी से जूझ रहे थे। कोरोना महामारी का बुरा असर उन पर भी पड़ा था और वह अब खाने खाने तक को मोहताज हो गए थे। वह अपना खाना कॉलेज के ही कैंटीन से लिया करते थे मगर कैंटीन के मैनेजर ने पैसे ना देने के कारण अब उन्हें खाना देना बंद कर दिया था। वह लोग अपने दोस्त के घर पर जाना चाह रहे थे मगर उन्हें बाहर जाने के लिए परमिशन नहीं दिया जा रहा था। फिर भी वह चले गए, मगर जब वह वापस लौट कर आए तब उनकी गार्ड्स के साथ लड़ाई हो गई, और बाद में कॉलेज प्रशासन ने गुंडों को भी बुला लिया जिससे उन्हें पीटा जा सके। उसने यह भी कहा कि उन्हें बेरहमी से पीटा जा रहा था और लोग खड़े होकर वीडियो बनाते रहे जो की बहुत ही शर्मनाक बात है!
इब्राहिम के दोस्त एरिक ने दी क्विंट को बताया कि इब्राहिम अपने लिए कुछ खाने का सामान और अपना लैपटॉप और मोबाइल फोन बनवाने के लिए बाहर जाना चाहता था मगर उसे मार्च के महीने से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए बेंजामिन ने बताया कि वे लोग इब्राहिम को सेकंड फ्लोर से घसीटते हुए ग्राउंड फ्लोर तक लेकर आए और मुझे भी बांस के लाठियों से मारा गया।
पुलिस ने अब तक कालेज प्रशासन और सिक्योरिटी गार्ड समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और अपने बयान में कहा कि कॉलेज प्रशासन ने 18 लोगों को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी हाक कमांडो से भाड़े पर लाया था जिससे उन्हें जबरदस्ती कॉलेज से निकलवा सके। इसी बात को लेकर विवाद हुआ तब यह सारी घटना घटी।
इस घटना के बाद इधर कॉलेज प्रशासन और सिक्योरिटी गार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर वहां के लोकल लोग एनएसयूआई और भीम आर्मी के एक्टिविस्ट ने कालेज गेट के सामने धरना दे दिया है।
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इन तमाम चीजों के हो जाने के बाद जरा सोचिए क्या यह सही है कि विदेशी छात्रों को बाहर से गार्डों को बुलाकर लोहे के पंच और लाठी-डंडों से मारा जाए!? यह भारत में पहली बार ऐसा नहीं हुआ है इससे पहले भी साल 2017 में चार नाइजीरियन छात्रों को ग्रेटर नोएडा में मारा गया था जिसमें 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी इसी के ठीक 2 सप्ताह के बाद मेट्रो में भी सीट के विवाद को लेकर नाइजीरियन लेडी को मारा गया था।
अब जरा सोचिए कि खुद हमारे भारतीय भाई-बहन लाखों की तादाद में भारत से बाहर पढ़ाई करते हैं अगर उनके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो आपको कैसा लगेगा खुद आपके ही घर के कई सदस्य बाहर रहते होंगे और आपको पता होगा कि बाहर रहने पर कितनी कठिनाइयां झेलनी पड़ती है। अब ऐसे कठिनाई भरे माहौल में उनकी मदद करने के बजाय उन्हें और मारना कहीं से भी हमें शोभा नहीं देती है। आइए आप और हम मिलकर यह अहद लेते हैं की विदेशी छात्र छात्राओं की जितनी हो सके हम अपनी तरफ से मदद करेंगे आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं अगले वीडियो में!
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