PATRATU : बीते मंगलवार को पतरातू रेलवे लाइन निर्माण कार्य स्थल पर अपराधियों द्वारा कई राउंड गोली फायरिंग के तीन दिन बीत जाने के बाद तथा सौंदा बी साइट पर ठीक उस के दूसरे दिन अपराधियों द्वारा गोली चलाने के प्रयास तथा काम को बाधित करने के बाद दिन के अंतराल के बावजूद इन अपराधियों को पकड़ने या उनके सुराग प्राप्त करने में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं।
यह किसी आश्चर्य से कम नहीं की क्रमशः 3 और 2 दिनों के बीच काफी समय बीत जाने के बाद भी अपराधियों का इस तरह नहीं पकड़ा जाना कहीं ना कहीं उनके मनोबल को बढ़ा रही है। क्षेत्र में इस तरह की आपराधिक घटनाओं में वृद्धि से भय का माहौल व्याप्त है। इन कार्य स्थलों पर कार्य करने वाले लोग कहीं ना कहीं यहाँ से पलायन करने पर मजबूर हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ जो पतरातू क्षेत्र में अपनी पूंजी निवेश कर यहाँ कार्य कर रही है निश्चित तौर पर उनके मन में शंका और भय दोनों का व्याप्त हो जाना स्वाभाविक है।
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क्षेत्र में कैसा है माहौल
क्षेत्र में ऐसी चर्चा है कि यदि पतरातू एवं आसपास के क्षेत्रों में अपराधिक घटनाओं में इसी तरह इजाफा होता रहा और पुलिस जल्द से जल्द उद्भेदन कर दोषियों को सजा दिलाने में असमर्थ रही तो पतरातू में बड़ी बड़ी कंपनियाँ जहाँ पूंजी निवेश कर क्षेत्र का विकास करने को आतुर हैं तथा वैसे लोग जो पतरातू को एक इंडस्ट्रियल हब के रूप में देखते हैं कहीं ना कहीं उनके इस विचार और मंसूबों को आघात पहुंचेगा।
लोग यहाँ तक कह रहे हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को छोड़िए यहाँ छोटे-मोटे व्यवसाई भी अपने आप को महफूज महसूस नहीं करते। क्षेत्र में कहीं गोली कांड होती है तू कहीं पतरातू डैम जैसे पर्यटन स्थल से गाड़ियों की चोरी होना तो कभी मार्केट में चोरियों की घटनाओं में इजाफा आखिर प्रशासन कहाँ है और इन घटनाओं पर रोक लगाने में पुलिस इतनी लाचार क्यों है?
यह आम जनता के समझ से बिल्कुल परे है। ऐसे में पुलिस के प्रति लोगों की छवि कहीं ना कहीं खराब होती जा रही है और इन बातों को प्रशासन को बड़ी गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटनाओं का जल्द से जल्द उद्भेदन कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाकर आम लोगों का विश्वास जीतना होगा। अन्यथा लोगों का कानून और पुलिस के ऊपर से विश्वास कमतर होता जाएगा।
इस संदर्भ में पतरातू एसडीपीओ वीरेंद्र चौधरी से दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने कहा कि हमारी टीम बहुत ही संजीदगी से इन अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है निश्चित तौर पर हम बहुत जल्द इन अपराधियों को पकड़ने में कामयाब भी हो जाएंगे। हमने लगभग इन गुत्थियों को सुलझा ही लिया है, बस कुछ समय और बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि आम जनता तथा पीड़ित व्यक्ति को भी हमारी मदद करनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि कोई भी सीधे आकर गोली कांड करके चला जाता होगा।
उसके पहले यहाँ पर काम करने वाले लोगों को निश्चित तौर पर चेतावनी मिली होगी और उन्हें उनकी जानकारी भी होगी। मगर ना तो वह हमें कुछ बताते हैं और ना ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह इसकी जिम्मेवारी लेते हैं। बस इसलिए हमारी मुश्किलें थोड़ी बढ़ी है। मगर फिर भी बहुत जल्द हम पूरे मामले से पर्दा उठाने में कामयाब हो जाएंगे। फिर सारा कुछ सबके सामने होगा।
खैर पुलिस कितनी जल्दी इन गुत्थियों को सुलझाकर कर इन अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज पाती है यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल तीन दिन बीत जाने के बाद भी जहाँ पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं और अपराधी निरंकुश होकर एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम देते जा रहे हैं। ऐसे में भला आम जनता को विश्वास कैसे हो पाएगा कि पुलिस उनकी सुरक्षा करने को हर समय मुस्तैद और तैनात है।
ऐसे में क्षेत्र के लोगों का भय में रहना लाजमी है। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों को बड़ी संजीदगी से इस विकट परिस्थिति से पतरातू की जनता को निकालने का प्रयास करते हुए उन्हें भयमुक्त करने का हर संभव उपाय करना होगा। क्षेत्र की आम जनता के साथ व्यवसाई, बाहर से काम करने आए मजदूर तथा बड़े-बड़े पूंजी लगाकर यहाँ अपने कामों को करने वाले पूंजीपति कहीं ना कहीं डर के साए में जी रहे हैं।
उन्हें इस डर से मुक्त कर अपने काम को आगे निरंतर रखने के लिए उन्हें आश्वस्त करना किसकी जिम्मेवारी है। निश्चित तौर पर पुलिस की तो पुलिस को इन गुत्थियों को यथाशीघ्र सुलझा कर भविष्य में ऐसी अपराधिक घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो उस को सुनिश्चित करना चाहिए प्रशासन को।
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